Thursday, December 17, 2015

पेंसिल थक गयी है..!!

कल शाम मेरा बेटा खेलते खेलते मेरे पास आया और बड़ी मासूमियत से बोला..."पापा, पेंसिल थक गयी.."
"ठीक है.. आप अब कॉपी पेंसिल रख कर टी वी देख लो..शायद छोटा भीम आ रहा होगा.." - मैंने कहा..!
वो तो चला गया लेकिन मुझे सोचने पर मजबूर कर गया..!!

क्या शायद आज हमारे देश की कलम थक गयी है..??

करोडपति लोगों को लग रहा है कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है..और आम इंसान जो मुझसे रोज़ मिलते हैं...रोज़ दुआ सलाम होती है.. साथ बैठते है.. साथ खाते पीते हैं.. एक दुसरे के घर जाते हैं.. तब तो कहीं कोई  असहिष्णुता नहीं दिखती..!!

शायद सही कहा मेरे बेटे ने.. कलम थक गयी है..अब. इसीलिए शायद.. हमें जो देखने सुनने पढ़ने को मिलता है..वो उस थकी हुई कलम को.पैसे के जोर पर और पैसे के लिए जबरदस्ती चलाया जा रहा है..!!